एक सितंबर से रोटेशन पर खुल सकती हैं दिल्ली की अदालतें: हाई कोर्ट

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दिल्ली हाई कोर्ट ने शनिवार को कहा कि वह अपने सभी सात जिला अदालतों को फिर से खोल सकता है। यानी लॉकडाउन के बाद बंद कोर्ट परिसर में लोग फिर से दिखेंगे। साथ ही कोर्ट का यह भी कहना है कि एक सितंबर से रोटेशन के आधार पर हाई कोर्ट को भी खोला जा सकता है। कोर्ट को फिर से खोलने की कवायद को प्रयोग के तौर पर देखा जाएगा, जो कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट की पूर्ण उपलब्धता और दिल्ली में कोरोना संक्रमण की स्थिति पर निर्भर करेगा।

हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि अदालत की कुल क्षमता का केवल एक-चौथाई के साथ कामकाज शुरू किया जा सकता है। हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार मनोज जैन ने कहा कि यह एक प्रयोग होगा। एक चौथाई क्षमता के साथ अदालत में कामकाज को शुरू की जा सकती है। जबकि बाकी मामलों को वीडियोकांफ्रेंसिंग के जरिए जारी रखा जा सकता है।

कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए 25 मार्च को लॉकडाउन लगाए जाने के बाद से सभी अदालतें लगभग पांच महीने तक बंद रहीं। हालांकि जून से लॉकडाउन प्रतिबंधों को कम कर दिया गया था। अदालतें अभी तक केवल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वर्चुअल सुनवाई कर रही हैं।

मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल की अध्यक्षता में हाई कोर्ट की प्रशासनिक और सामान्य पर्यवेक्षण समिति ने ग्रेडेड एक्शन प्लान तैयार करने के लिए समिति को निर्देशित किया, जिसे अदालतों के चरण-वार तरीके से फिर से खोलने के लिए गठित किया गया था।

इस हफ्ते की शुरुआत में एचटी ने रिपोर्ट दी कि सुप्रीम कोर्ट भी अगले हफ्ते की शुरुआत में अपनी 15 अदालतों में से कम से कम दो या तीन में सुनवाई शुरू कर सकता है, जैसा कि बार एसोसिएशन द्वारा मांग की गई है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट इससे पहले कोरोना संक्रमण से सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त व्यवस्था चाहती है।

हाई कोर्ट की प्रशासनिक और सामान्य पर्यवेक्षण समिति ने महामारी को देखते हुए अपने कामकाज के साथ-साथ जिला अदालतों को भी तत्काल 31 अगस्त तक बंद रखने का फैसला किया है। इससे पहले, हाई कोर्ट ने 14 अगस्त तक के लिए प्रतिबंधित कर दिया था।

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