उत्तर प्रदेश के उन्नाव (Unnao) में वकीलों और जज के बीच विवाद में नया मोड़ आ गया है. कोर्ट रूम में पीटने, मोबाइल छीनने और तोड़फोड़ का आरोप लगाने वाले अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-11 प्रहलाद टंडन (ADJ Prahlad Tandon) ने राज्यपाल और हाईकोर्ट को चिट्ठी भेजकर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) मांग ली है. यह चिट्ठी सोशल मीडिया पर आने के बाद खलबली मच गई. आनन-फानन में पुलिस ने शुक्रवार देर शाम सदर कोतवाली में बार एसोसिएशन के अध्यक्ष समेत 30 नामजद वकीलों और 200 अन्य के खिलाफ गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली. एएसपी ने एफआईआर की पुष्टि की है.
आपको बता दें कि गुरुवार दोपहर एडीजे कोर्ट-11 में जज प्रहलाद टंडन के चैंबर में घुसकर वकीलों ने जमकर बवाल किया था. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. घटना के बाद वकील हड़ताल पर चले गए. जज प्रहलाद टंडन ने उन्नाव बार एसोसिएशन अध्यक्ष राम शंकर सिंह समेत 30 नामजद व 150-200 अन्य के खिलाफ सदर कोतवाली में तहरीर दी, जिसमें मारपीट, गाली-गलौज, लूट, सरकारी कार्य में बाधा समेत बातें लिखी गईं.
जिला जज ने कराई थी सुलह मगर नहीं बनी बात
इसके बाद जज व वकीलों के बीच सीधा टकराव होते देख देर शाम जिला जज ने दोनों पक्षों को बुलाया और पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली. बताया जाता है कि करीब एक घंटे चली बैठक के बाद दोनों पक्षों ने सुलह कर समझौतानामा साइन किया. समझौते की बात कैमरे पर खुद बार एसोसिएशन अध्यक्ष राम शंकर सिंह ने कही. इसके बाद गुरुवार की शाम ही जज प्रहलाद टंडन की कोतवाली एसएचओ को दी गई चिट्ठी सोशल मीडिया पर आ गई, लेकिन पुलिस ने बिना निर्देश एक्शन लेने से इनकार कर दिया था.
ADJ ने पारिवारिक और व्यक्तिगत कारणों से मांगा VRS
बार एसोसिएशन अध्यक्ष सहित 200 पर FIR
शुक्रवार सुबह जज प्रहलाद टंडन ने राज्यपाल, इलाहाबाद हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार और जिला जज को एक चिट्ठी भेजी. इसमें लिखा कि पारिवारिक और व्यक्तिगत कारणों से वह सेवा करने में असमर्थ हैं. प्रार्थी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए इच्छुक है. उनके हस्ताक्षर से बाहर आई चिट्ठी से हड़कंप मच गया. आनन-फानन में आला अधिकारियों से मिले आदेश के बाद शुक्रवार देर शाम बार एसोसिएशन अध्यक्ष समेत 30 नामजद वकीलों व 200 अन्य के खिलाफ मारपीट, लूट की धाराओं के अलावा 7 सीएलए में रिपोर्ट लिखी गई. एएसपी शशि शेखर सिंह ने एफआईआर की पुष्टि की है. जज की चिट्ठी से हड़कंप मच गया है. मामले में अब वकीलों पर मुकदमा लिखने से विवाद लंबा खिंचने के आसार दिखाई दे रहे हैं.
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